क्या नाम दूं अहसास को लिखूँ या यूं ही कह दूं , तुम ही बताओ मैं इसे क्या नाम दूं? इक रिश्ता ख्यालों का, पटारा चंद सवालों का , जिन्हें न पूछ सकूं न पूछना चाहूँ , तुम ही बताओ इस दौर को क्या मकाम दूं? अहसास को लिखूँ या यूं ही कह दूं , तुम ही बताओ मैं इसे क्या ...
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अहसास
अहसास अहसास आकर बगल में लेटा, लिपटा, चूमा, हंसी बिखेर गया। यूं लगा झौंका प्यार का आया, पतझड़ में मौसम बहार का लाया, पत्ते अब तक जो सूख रहे थे, उनपर अचानक निखार आया , महसूस कर यह ख्याल आया, जो दूर था वो पास आया। बिन छूए, बिन देखे, लेटी खोई खोई, बेसोच दिल में यह ख्याल आया, नज़रों ...
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